मीलों और अभी हमे जाना हैं
कंधों पे हँसी लेके अनजान रास्तों को आजमाना हैं
मीलों और अभी हमे जाना हैं
इस डर से अनजान कि घर भी हमे जाना हैं
ख्वाब आंखों में लिए मजबूरी को मुस्कुराकर हमे अपनाना हैं
मीलों और अभी हमे जाना हैं
खाली हाथों से पकड़ कर माँ की अंचल में सो जाना हैं
मीलों और अभी हमे जाना हैं
कल तक काफी परेशान था मैं
अपने ही घर से निकाले जाने पर हैरान था मैं
टूटे घर फटे कपड़ो से लाचार था मैं
आज इन्सान के असली दर्द को जाना हैं
आज पैसा नहीं अपनों का होंसला मुझे बढ़ाना हैं
मीलों और अभी हमे जाना हैं
झूलझती धूप हो या सर्दी, तेज बारिश हो या तूफान
इस गरीब को मीलों और अभी जाना हैं